ब्लैक बॉक्स क्या होता है? जानिए हवाई जहाज़ में इसके काम करने का तरीका
हवाई यात्रा आज के युग में एक आम बात हो गई है। हर दिन हजारों विमान दुनिया भर में उड़ान भरते हैं। लेकिन जब कभी कोई हवाई दुर्घटना होती है, तो उसके पीछे की वजह जानने के लिए सबसे जरूरी चीज होती है – ब्लैक बॉक्स। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि ब्लैक बॉक्स क्या होता है, यह कैसे काम करता है और क्यों यह हर हवाई जहाज़ में लगाना जरूरी होता है।
ब्लैक बॉक्स क्या है?
ब्लैक बॉक्स, जिसे तकनीकी भाषा में Flight Recorder कहा जाता है, विमान का एक खास उपकरण होता है जो फ्लाइट के दौरान हर जरूरी डेटा और कॉकपिट की आवाजें रिकॉर्ड करता है। यह डिवाइस किसी भी हवाई दुर्घटना की जांच में सबसे अहम भूमिका निभाता है। इसका नाम “ब्लैक बॉक्स” जरूर है, लेकिन वास्तव में इसका रंग नारंगी (ऑरेंज) होता है ताकि हादसे के बाद मलबे में इसे आसानी से ढूंढा जा सके।
ब्लैक बॉक्स के दो मुख्य हिस्से
1. Flight Data Recorder (FDR)यह डिवाइस विमान की उड़ान से संबंधित तकनीकी जानकारी रिकॉर्ड करता है जैसे:
विमान की रफ्तार
ऊँचाई
दिशा
इंजन की स्थिति
मौसम की जानकारी
कंट्रोल सिस्टम की गतिविधियाँ
2. Cockpit Voice Recorder (CVR)यह डिवाइस पायलट और को-पायलट के बीच की बातचीत, कॉकपिट में आने वाली आवाजें, अलार्म्स और रेडियो संचार रिकॉर्ड करता है।
ब्लैक बॉक्स कैसे काम करता है?
ब्लैक बॉक्स विमान में शुरू से अंत तक हर सेकंड की जानकारी रिकॉर्ड करता है। यह रिकॉर्डिंग एक खास डिजिटल स्टोरेज में होती है जिसे बेहद मजबूत और सुरक्षित बनाया गया होता है।डेटा रिकॉर्डिंग:फ्लाइट शुरू होते ही ब्लैक बॉक्स ऑटोमेटिक रूप से डेटा रिकॉर्ड करना शुरू कर देता है।मजबूती:इसे खासतौर पर क्रैश-प्रूफ और वाटर-प्रूफ बनाया जाता है ताकि हादसे की स्थिति में भी इसमें मौजूद डेटा सुरक्षित रहे।सुरक्षा विशेषताएँ:1100°C तक तापमान सहने की क्षमता30 दिनों तक गहरे पानी में सुरक्षित रहने की क्षमता3400 G तक की टक्कर से सुरक्षित रहने की ताकतपिंगर सिस्टम, जो पानी में ब्लैक बॉक्स की लोकेशन बताता हैब्लैक बॉक्स का महत्वजब कोई हवाई जहाज दुर्घटना का शिकार होता है, तो ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड की गई जानकारी से यह पता चलता है कि आखिर फ्लाइट में क्या तकनीकी या मानवीय गलती हुई थी। इससे:दुर्घटना के कारणों की सही जांच हो पाती हैभविष्य की उड़ानों में ऐसी गलतियों से बचा जा सकता हैविमान कंपनियों और इंजीनियरिंग टीम को सुधार करने में मदद मिलती हैरोचक तथ्य (Interesting Facts):ब्लैक बॉक्स का डेटा आम तौर पर 25 घंटे तक की फ्लाइट का होता है।इसमें 88 से ज्यादा तरह के पैरामीटर रिकॉर्ड किए जा सकते हैं।दुर्घटना के बाद इसका सिग्नल पानी के अंदर भी 30 दिनों तक हर एक सेकंड में बीप करता है, ताकि उसे ढूंढा जा सके।निष्कर्षब्लैक बॉक्स किसी विमान की “याददाश्त” होता है, जो उसकी हर गतिविधि को रिकॉर्ड करता है। यह तकनीक इतनी एडवांस और मजबूत होती है कि यह किसी भी दुर्घटना के बाद जांचकर्ताओं को सच्चाई तक पहुंचने में मदद करती है। यही कारण है कि हर विमान में इसे लगाना अनिवार्य होता है।अगर आप फ्लाइट से यात्रा करते हैं, तो अगली बार जब आप विमान में बैठें, तो यह जरूर याद रखें कि एक छोटा-सा ब्लैक बॉक्स आपकी पूरी यात्रा की कहानी चुपचाप रिकॉर्ड कर रहा होता है।